Description
मधुमक्खीयॉ एवं कृषि एक दूसरे के पूरक हैं। मधुमक्ख्यिॉ पर परागण के माध्यम से कृषि एवं बागवानी फसलों की उत्पादकता वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा जैव विविधता का संरक्षण करती है। मधुमक्खीपालन से प्राप्त होने वाले उत्पाद जैसे शहद, मोम, पराग, प्रोपेलिस, मौन विष एवं राज अवलेह इत्यादि का औषधीय एवं व्यवसायिक महत्व भी है तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में रोजगार श्रजन का महत्वपूर्ण संसाधन है। पुस्तक में मधुमक्खीयों की प्रजातिया, आवास, संगठन, जीवन चक्र, मौनचर, मौन ग्रह उत्पाद एवं उनकी उपयोगिता, शहद उत्पादन, प्रसंस्करण, मौसम एवं कीट रोग प्रबंधन, रानी मौन उत्पादन, पर परागण इत्यादि महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है। यह पुस्तक कृषकों, मधुमक्खी पालकों, कृषि छात्र/छात्राओं, विस्तार कार्यकर्ताओं तथा शिक्षकांे के लिये बहुत ही उपयोगी है।